देहरादून। भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मसूरी नगर पालिका के कंपनी बाग टेंडर का विवाद नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है। पालिका के अफसरों व ई-टेंडर वेबसाइट से सांठगांठ करने वाले ठेकेदारों को लाभ पहंचाने लिए साजिशन वेबसाइट पर समय से तीन घंटे पहले ही कंपनी गार्डन टेंडर की बिडिंग बंद कर दी गई थी।
इस विवाद के बीच नगर पालिका कंपनी गार्डन के टेंडर को जिसे पूर्व निर्धारित 19 जुलाई को खोला जाना था उसे अब 25 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर पालिका के अधिशासी अधिकारी यूडी तिवारी भी मान रहे हैं कि किसी न किसी स्तर पर गलती हुई है। हालांकि तिवारी जिसे गलती बता रहे हैं वह कोई चूक नहीं बल्कि ई-टेंडर में ठेकेदारों के साथ मिलकर विभागीय अफसर और ई-टेंडर वेबसाइट को आपरेट करने वाले किस तरह घोटालों को अंजाम देते है यह उसकी बानगी भर है। कंपनी गार्डन को लेकर पहले ही अदालत के आदेश पर एक सीबीआई जांच चल रही है वहीं कई छोटे-बड़े विवाद गार्डन के भीतर अवैध कब्जों को लेकर भी चल रहे हैं। यह सभी नगर पालिका के कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यशैली की वजह से ही संभव हुआ है। अब ई-टेंडर का मामला हाईकोर्ट की शरण में पहंचा है। देहरादून की फर्म फलकन मल्टीपरपज सर्विस ने टेंडर में प्रतिभाग किए जाने से वंचित करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से जांच की मांग करते हुए इस पूरे षडयंत्र को रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही हाईकोर्ट से उक्त टेंडर को निरस्त करने या फिर फलकन को टेंडर में शामिल करवाने की मांग की है।