June 3, 2023
By Kirshana Kant-
यह आज के भारत में मीडिया की तस्वीर है। ये मध्य प्रदेश के सीधी जिले के हैं, यूट्यूब चैनल चलाते हैं। खबरों में कहा जा रहा है कि इन्होंने किसी नेता पर खबर चलाई थी। आजकल हर नेता में एक फकीर है। उस नेतारूपी फकीर को इनकी खबर पसंद नहीं आई। इन्हें थाने में बुलाकर नंगा कर दिया गया।
यह पहली घटना तो नहीं है। हाल ही में उत्तर प्रदेश इंटर का पेपर लीक हो गया। 24 जिलों में परीक्षा रद्द की गई। लेकिन जिन पत्रकारों ने खबर छापी, उन्हें जेल में डाल दिया गया। हाथरस कवर करने जा रहा केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन अब भी जेल में हैं। उनका भी गुनाह यही था कि वे हाथरस की घटना कवर करने जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश के एक पत्रकार ने खबर लिख दी कि स्कूली बच्चों को नमक-रोटी खिलाई जा रही है तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। बच्चों के मिड-डे-मील में भ्रष्टाचार करना देशद्रोह नहीं है, बच्चों को नमक-रोटी खिलाना देशद्रोह नहीं है, इस बात को बाहर लाना देशद्रोह है। यह कैसा देश बनाया जा रहा है जहां सच बोलना देशद्रोह है?
सरकार क्या चाहती है? यही न कि पत्रकार को खबर नहीं चलाना चाहिए! पूरे देश के पत्रकारों को सुबह नहाधोकर, सभी मुख्यमंत्रियों के आवास पर जाकर नब्बे डिग्री का कोण बनाते हुए प्रणाम करना चाहिए। फिर भी कृपा न आए तो चरणों में लोट जाना चाहिए। रीढ़ की हड्डी निकलवा देनी चाहिए। इंसान के रूप में सरीसृप बन जाना चाहिए। खुद की जान देकर भी पत्रकार का धर्म का है कि वह नेता को खुश करे। इन्हें आजाद जबानें नहीं पसंद हैं। इन्हें जहरीले गुलाम पसंद हैं।
जो दिल्ली के स्टूडियो में बैठकर अपने ही समाज को जला डालने वाला जहर उगलते हैं, उन्हें एक्स, वाई, जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी जाती है। जो जितना जहरीला होगा, उसकी उतनी तरक्की होगी। क्योंकि सरकार को जहर पसंद है। जो सरकार की आलोचना करेगा, वह सजा का भागी होगा।
मुझे नहीं पता कि इन बच्चों ने क्या प्रसारित किया था, लेकिन अगर कुछ गलत भी किया हो तो सजा देने का यह तरीका कब इजाद हुआ कि थाने में नंगा करके फोटो वायरल की जाएगी? लोकतंत्र का कानून कहता है कि किसी गंभीर अपराधी को भी अमानवीय सजा नहीं दी जाएगी। हर हाल में मानव गरिमा की रक्षा की जाएगी। यहां हर हाल में मानवीय गरिमा को तार-तार किया जाता है।

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