Saturday, April 1, 2023
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शिवसेना के बाग़ी एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री होंगे

मुंबई: शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री होंगे. चौंकाने वाले घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को यह घोषणा की.

फडणवीस और शिंदे की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई. हालांकि, तब तक कयास लगाए जा रहे थे कि एकनाथ के नेतृत्व वाले बागी शिवसेना विधायकों के समर्थन से फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने राजभवन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि शिंदे अकेले ही गुरुवार को शाम साढ़े सात बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा.

शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘फडणवीस ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उस पर मैं खरा उतरुंगा.’

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भाजपा शिंदे गुट को अपना समर्थन देगी.

भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ा दल है.

उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार से बाहर रहूंगा. हालांकि, सरकार का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करूंगा जो उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद विकल्प के तौर पर सामने आई है.’

फडणवीस ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शिवसेना (बागी विधायक) और भाजपा विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों और हिंदुत्व की विचारधारा के लिए है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा राज्य पर चुनाव थोपने के खिलाफ थी. उन्होंने कहा कि शिवसेना के पदाधिकारियों में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन करने के चलते रोष था क्योंकि ये कथित तौर पर 2019 विधानसभा चुनाव के जनमत का अपमान था. फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था.

भाजपा नेता ने दावा किया, ‘उद्धव ठाकरे ने उन दलों (कांग्रेस और एनसीपी) के साथ गठबंधन किया, जिनके खिलाफ बाल ठाकरे पूरी जिंदगी लड़ते रहे.’

उन्होंने आरोप लगाया कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन भ्रष्ट था और उसके दो मंत्री भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं.

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि एमवीए के गठबंधन सहयोगी उन्हें नुकसान पहुंचा रहे थे.

वहीं, एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए 50 विधायकों के समर्थन के साथ यह निर्णय (एमवीए सरकार से बगावत) लिया और इसमें उनका कोई निजी हित नहीं है.

उन्होंने एमवीए सरकार के संचालन के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर देने के लिए फडणवीस का आभार जताया.

वहीं, इस दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो फैसला हमने लिया है वह बालासाहेब के हिंदुत्व और हमारे विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य को समर्पित है. हमारे साथ 50 विधायक हैं.

 

समाचार एजेंसी एनएआई के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि हम पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के समक्ष अपने विधानसभा क्षेत्रों की समस्यों और विकास कार्यों की समस्याएं लेकर जाने के साथ-साथ उन्हें सुधार करने की जरूरत संबंधी सुझाव देने गए थे क्योंकि हम महसूस करने लगे थे कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा. हमने भाजपा के साथ गठबंधन की मांग की थी.

 

उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा के 120 विधायक होने के बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री का पद नहीं लिया. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के साथ-साथ उनका आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने उदारता दिखाते हुए बालासाहेब के सैनिक को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया.’

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