कांग्रेस के लोकप्रिय जमीनी नेता हरीश रावत खासी मेहनत कर रहे हैं । भावी चुनावों में जीत के लिए। पार्टी हाईकमान का भी इशारा है। अर्से से उत्तराख॔ड में वे दूरदराज और पास के जिलों और बडे शहरों में लगातार जा रहे हैं। समाज के विभिन्न समुदायों से मिलजुल रहे हैं।मकसद इस बार पार्टी को चुनावों में सत्ता में लाना है।
हरीश रावत अपनी मुहिम में कामयाब होते हैं या नहीं,इसके पहले ही पार्टी पर नजर रखने वालों ने राज्य में भावी मुख्यमंत्री कौन हो उस पर विवाद मीडिया में छिड़ा दिया है। रावत एक संवेदनशील और अच्छे सुशासक माने जाते हैं। उन्होंने राजनीति में रहते हुए श्रमिकों और पत्रकारों के मुद्दों पर भी अपनी बात हमेशा रखी।समाज के सभी वर्गों में वे कुशल वक्ता, राजनीतिक और सम्मानित माने जाते हैं। अभी लश्कर में उन्होंने कहा वे चाहते हैं राज्य में बहुमत से कांग्रेस जीते। जनता भी रही चाहती है। मैं जनता की उम्मीद को कामयाब करने की कोशिश में हूं। अगर इस पहाड़ी राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी दलित को मौका मिलता है तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी।
उत्तराखंड में हरीश रावत की सक्रियता से चुनावी फिजा बदली जरूर है। देखिए , आगे जनता फैसला क्या लेती है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं.