देहरादून। उत्तराखंड में आठ और नौ दिसंबर को होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का पीएम नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे। इस समिट से पहले ही उत्तराखंड सरकार देश-विदेश में तीन लाख करोड़ के करार कर चुकी है। इससे सरकार के चेहरे पर चमक है। टीम की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने साफ कर दिया है कि एक-एक करार को जमीन पर उतारा जाएगा। इसके लिए सिस्टम को अभी से ही सक्रिय कर दिया गया है।
इस समिट के लिए सरकार ने ढाई लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा था। लेकिन अभी तक के निवेश करार इस लक्ष्य से 50 हजार करोड़ ज्यादा है। अगले दो रोज में यह आंकड़ा चार लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। इससे सरकार के चेहरे पर चमक है। अब धामी सरकार के सामने इन करारों को जमीनी हकीकत में बदलने की चुनौती है। अगर सरकार ऐसा करने में सफल रही तो उत्तराखंड की तसवीर ही बदल जाएगी। एक तरफ सरकार के राजस्व में खासी बढ़ोतरी होगी तो दूसरी ओर युवाओं को अपने घर के पास ही रोजगार मिल सकेगा।
निवेश का लक्ष्य हासिल करते ही सीएम धामी ने अफसरों को निर्देश दिए कि उद्यमियों को हर तरह की सहूलियत दी जाए। उद्योगों के लिए जरूरी तमाम मंजूरियां सिंगल विंडो सिस्टम से दी जाएं। पांच सौ करोड़ के अधिक निवेश के करारों को अमलीजामा पहनाने के लिए हर करार के लिए एक नोडल अफसर अभी से ही तैनात कर दिया गया है। मुख्य सचिव ड़ॉ. एसएस संधू और अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी उद्योंगों के लिए जरूरी जमीन व अन्य औपचारिकताओं पर अभी से बैठकें कर रहे हैं। नए डीजीपी अभिनव कुमार ने भी साफ कर दिया है कि उद्यमियों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
बहरहाल, धामी सरकार निवेश का अपना लक्ष्य हासिल कर चुकी है। अब उसके सामने चुनौती इन करारों को जमीन पर उतार कर उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने की है। सरकार के स्तर से इस बारे में काम शुरू भी कर दिया गया है। अब देखना होगा सरकार इसमें किस हद तक सफल होती है।