अयोध्याः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुछ मस्जिदों के पास कथित तौर पर आपत्तिजनक वस्तुएं फेंककर शहर का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के प्रयास के आरोप में दक्षिणपंथी संगठन के नेता समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि कुछ असमाजिक तत्वों ने पॉर्क के कुछ टुकड़े (सुअर का मांस), एक धार्मिक ग्रंथ के कुछ फटे पन्ने और मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर लिखे गए कुछ पत्रों को फेंककर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी.
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोग ‘हिंदू योद्धा संगठन’ से जुड़े हुए लोग हैं. इसके साथ ही इनमें से एक हिस्ट्रीशीटर महेश मिश्रा भी हैं, जिसके खिलाफ शहर के एक पुलिस स्टेशन में चार आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पुलिस ने जिन अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनमें प्रत्यूष कुमार, नितिन कुमार, दीपक गौड़, ब्रजेश पांडे, शत्रुघ्न और विमल पांडे शामिल हैं. ये सभी कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के निवासी हैं.
पुलिस ने इस घटना के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की है.
यह घटना तातशाह जामा मस्जिद, मस्जिद घोसियाना, कश्मीरी मोहल्ले की मस्जिद और शहर थाना क्षेत्र के पास के क्षेत्र में गुलाब शाह बाबा के नाम से मशहूर मजार में हुई.
बयान में कहा गया, ‘यह अयोध्या में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास था. मंगलवार (26 अप्रैल) आधी रात को आरोपियों ने मस्जिदों और मजार पर सुअर के मांस के टुकड़े, एक विशेष समुदाय को धमकाते हुए पत्र और एक धार्मिक ग्रंथ के कुछ पन्ने फेंक दिए थे.’
पुलिस ने बयान में कहा कि इस साजिश में 11 लोग शामिल थे, जिनमें से चार फरार हैं.
पुलिस ने कहा कि उन्हें पता चला कि आरोपियों ने मुस्लिम टोपी, कुरान की दो प्रतियां, सुअर का मांस और कुछ लिखित सामग्री खरीदी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या पुलिस का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर महेश मिश्रा इस साजिश का मास्टरमाइंड था और दिल्ली (जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई सांप्रदायिक हिंसा) में हुई हालिया घटनाओं के विरोध में यह साजिश रची गई थी.
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 (उपासना स्थल को हानि पहुंचाना या अपमान करने के इरादे से अपवित्र करना) और 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया.
पुलिस ने बताया कि उन्होंने पहले बेनीगंज की एक मस्जिद में आपत्तिजनक सामान प्लांट करने का प्रयास किया, लेकिन क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति की वजह उन्होंने तीन मस्जिदों और मजार का रुख किया.
पुलिस का कहना है कि यह समूह जिस संगठन (हिंदू योद्धा संगठन) के तहत काम कर रहा था, उसका संचालन हिस्ट्रीशीटर महेश मिश्रा करते हैं. वास्तव में मिश्रा इस तथाकथित संगठन को चलाते, लेकिन यह पंजीकृत नहीं है और इसका कोई कार्यालय भी नहीं है. मिश्रा ही वही शख्स हैं, जिसने अन्य लोगों को उकसाया.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों का किसी राजनीतिक दल या किसी पंजीकृत संगठन के साथ कोई संबंध नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)