रुड़की: उत्तराखंड के चकबंदी विभाग में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. रुड़की के रहमतपुर गांव में एक दो नहीं बल्कि सात करोड़ के चकबंदी का घोटाला की खबर सामने आ रही है. समाजसेवी जगजीवन राम द्वारा मामले के उजागर के बाद विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
जगजीवन राम के मुताबिक, 9 अप्रैल 2021 को चकबंदी विभाग में फाइल जमा की गई और 16 अप्रैल 2021 को उस पर ऑर्डर भी कर दिए गए. इसके साथ ही 19 अप्रैल 2021 को दाखिल-खारिज भी कर दिया गया. जबकि दाखिल-खारिज के बाद चकबंदी कोर्ट में फाइल चलनी चाहिए थी. खास बात यह है कि इस मामले को एसओसी ने गलत माना है. लेकिन, संबंधित फाइलों में उनके भी हस्ताक्षर हैं.
पूरे मामले में समाजसेवी जगजीवन राम का कहना है कि उन्होंने चकबंदी विभाग और भू-माफिया की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री तक से मामले की शिकायत की है. जिसमें जिला बंदोबस्त अधिकारी (एसओसी) दीवान सिंह नेगी ने सात दिन में ही मामले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
उठ रहे सवाल: रुड़की में सात करोड़ रुपए के चकबंदी घोटाले के बाद बड़े सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि चकबंदी विभाग के इन अधिकारियों पर साल 2019 में एक और घोटाले की एसआईटी जांच चल रही है. जो बीते दो सालों में भी पूरी नहीं हो सकी. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या 7 दिनों अधिकारी इस मामले की जांच कर दोषियों पर आरोप सिद्ध कर सकेंगे?
पूरे मामले में जिला बंदोबस्त अधिकारी दीवान सिंह नेगी ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया है. दीवान सिंह नेगी का कहना है कि मामले की सात दिनों में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी. लेकिन, रुड़की के स्थानीय लोगों का कहना है कि जब खुद एसओसी ही दोषी हैं तो वह किस पर और कैसे कर्रवाई करेंगे.